जीबी पंत विश्वविद्यालय और न्यूजीलैंड के साउदर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसआईटी) के बीच हुआ एमओयू

जीबी पंत विश्वविद्यालय और न्यूजीलैंड के साउदर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसआईटी) के बीच हुआ एमओयू

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान की अध्यक्षता में गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय एवं न्यूजीलैंड के साउदर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसआईटी) के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षरित हुआ। यह समझौता अनुसंधान सहयोग, छात्र विनिमय और संकाय विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान और एसआईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री डेरिल हैगेट्री ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। साथ ही, एसआईटी की प्रतिनिधि डे. सयानी भौमिक, डे. डेरिल भी उपस्थित रहीं। इस समझौते के तहत, दोनों संस्थानों के बीच डेयरी अनुसंधान, सतत कृषि पद्धतियों और ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने जैसे विषयों पर संयुक्त अध्ययन और अनुसंधान परियोजनाएं चलाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, दोनों संस्थानों के छात्रों को विदेश में अध्ययन और प्रशिक्षण के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।

कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने इस सहयोग को भारत और न्यूजीलैंड के बीच कृषि और डेयरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के अनुसंधानकर्ताओं और छात्रों को वैश्विक स्तर पर सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने का अवसर देगा। इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल ने फिशरीज एवं क्रॉप रिसर्च सेंटर और राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (नाहेप) का भी भ्रमण किया।

इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न शोध एवं विकास परियोजनाओं का अवलोकन किया और उनकी उन्नत तकनीकों को समझने का अवसर प्राप्त किया। इस बैठक का संचालन अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक डॉ. एच. जे. शिव प्रसाद ने किया।

इस बैठक में डॉ. श्रलवजीप प्रसाद सीओटी और डॉ. शेफाली मैसी सीसीएस ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा डॉ. अवधेश कुमार, अधिष्ठाता मत्स्य और डॉ. जे. पी. जायसवाल, निदेशक संचार भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। यह सहयोग भारत और न्यूजीलैंड के बीच डेयरी अनुसंधान, फिशरीज, फसल अनुसंधान और सतत कृषि विकास को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगा।

Yogi Varta

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