मसूरी आने वाले पर्यटकों को अब चारधाम यात्रा की तर्ज पर करना होगा पंजीकरण

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल मसूरी में आने वाले पर्यटकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था 1 अगस्त से लागू कर दी गई है।
अब चारधाम यात्रा की तर्ज पर, मसूरी आने से पहले पर्यटकों को पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए पंजीकरण पोर्टल पर अपनी यात्रा की जानकारी दर्ज करनी होगी।
पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने इस पहल की जानकारी देते हुए कहा कि पंजीकरण प्रणाली से पर्यटकों की सटीक संख्या का मूल्यांकन किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी बेहतर भीड़ प्रबंधन, पार्किंग, आवास और अन्य जनसुविधाएं उपलब्ध कराने में आसानी होगी।
सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस नई व्यवस्था का समर्थन करते हुए स्पष्ट किया कि पंजीकरण की यह प्रणाली सुविधा और सुरक्षा दोनों के लिहाज़ से आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘मैं लगातार कहता रहा हूं कि पर्यटकों और नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मसूरी में पंजीकरण की व्यवस्था भी इसी दिशा में एक जरूरी कदम है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यदि आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो प्रशासन के पास सभी पर्यटकों की जानकारी उपलब्ध हो।’
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी संकेत दिए कि भविष्य में राज्य के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे नैनीताल, औली, भीमताल, चोपता आदि के लिए भी इस तरह की पंजीकरण प्रणाली लागू की जा सकती है।
कैसे करें पंजीकरण?
पर्यटन विभाग द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर पर्यटक आसानी से अपना पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित जानकारी देनी होगी:
- नाम, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र विवरण
- यात्रा की तिथि और अवधि
- साथ आने वाले यात्रियों की संख्या
- वाहन विवरण (यदि कोई हो)
जल्द ही यह पंजीकरण व्यवस्था मोबाइल ऐप के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जाएगी।
पंजीकरण से क्या होंगे लाभ?
- सटीक आंकड़े: पर्यटकों की संख्या पर वास्तविक डेटा मिलेगा
- भीड़ नियंत्रण: ओवर टूरिज्म की समस्या पर लगाम
- आपातकालीन सहायता: किसी दुर्घटना या आपदा के समय त्वरित राहत और सहायता
- सुविधाओं का प्रबंधन: पार्किंग, होटल, भोजनालय आदि की प्लानिंग बेहतर
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
मसूरी में पंजीकरण लागू होने के साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि वे पर्यटकों की जानकारी को ट्रैक करें और आवश्यकता अनुसार पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निकाय, फायर सर्विस आदि को सूचित रखें।
पर्यटन विभाग अब राज्य के अन्य संवेदनशील या भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थलों पर भी डिजिटल पंजीकरण व्यवस्था लागू करने की योजना पर कार्य कर रहा है। इससे उत्तराखंड में पर्यटन को अधिक सुनियोजित, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकेगा।