उत्तराखंड में बादल फटने और तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

उत्तराखंड में बादल फटने और तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार तहसील अंतर्गत बड़ेथ डुंगर टोक क्षेत्र में 28 अगस्त की रात अचानक बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिससे व्यापक स्तर पर जन-धन की हानि हुई है। घटना के तुरंत बाद जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।

उत्तराखंड में बारिश फिर से अपना कहर बरपा रही है। बादल फटने से राज्य के तीन जिलों में भारी तबाही हुई है। एक महिला की मौत की खबर है, जबकि कई लोग लापता है। प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के अनुसार स्यूर गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ है।

बड़ेथ, बगड़धार, तालजामनी, किमाणा एवं अरखुण्ड सहित कई गांवों में भारी मात्रा में पानी और मलबा आने से सड़कें, खेत, तालाब और मकान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। किमाणा गांव की सड़क और खेतों में बड़े-बड़े बोल्डर आ जाने से यातायात और कृषि गतिविधियां ठप पड़ी हैं।

छेनागाढ़ क्षेत्र में 8 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई है। छेनागाड़ बाजार क्षेत्र में मलबा भर गया है तथा कई वाहन बहने की खबर है। छेनागाड़ डुगर और जौला बड़ेथ गांवों से कुछ लोगों के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया है।

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन स्वयं आपदा कंट्रोल रूम से राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उनके निर्देशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में निरंतर जुटी हैं। क्षतिग्रस्त मार्गों को खोलने हेतु नेशनल हाइवे, पीडब्लूडी और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना की विशेष टीमें भी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

जिला स्तर से प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्गों को चिन्हित कर राहत सामग्री एवं टीमों को पहुंचाया जा रहा है। सभी राजस्व निरीक्षकों एवं विभागीय कार्मिकों को प्रभावित ग्रामों में तत्काल कार्रवाई हेतु भेजा गया है।

जिलाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को त्वरित राहत पहुंचाई जाए और जानमाल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

मौसम विभाग द्वारा आगामी 24 घंटे में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

Yogi Varta

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