विश्व में अनिश्चितताओं के बीच सैन्य शक्ति और सौम्य शक्ति में संतुलन बनाए हुए है भारत : राजनाथ सिंह

मेजर बॉब खाथिंग मेमोरियल इवेंट 2025 का पांचवां संस्करण दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के उत्तर पूर्व के एक महान व्यक्ति मेजर बॉब खाथिंग के जीवन और विरासत को याद किया गया।
सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मेजर बॉब खाथिंग की जीवन उपलब्धियों और विरासत को प्रदर्शित करने वाली फोटो गैलरी का दौरा किया। इसके बाद मेजर बॉब खाथिंग के जीवन पर एक फिल्म की स्क्रीनिंग की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ‘बहुध्रुवीय दुनिया’ में व्याप्त अनिश्चितताओं के बीच अपनी सैन्य शक्ति और सौम्य शक्ति के बीच संतुलन बनाए रख रहा है। राजनाथ ने मेजर बॉब खाथिंग की याद में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति मजबूत की है।
रक्षा मंत्री ने मेजर खाथिंग को ‘भारत का महान सपूत’ करार दिया, जिन्होंने युद्ध के मैदान में अपनी बहादुरी और कूटनीतिक कौशल के जरिये देश के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि ऐसी महान हस्तियों के आदर्शों और सिद्धांतों को अपनाना लोगों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘आज भारत बहुध्रुवीय दुनिया में व्याप्त अनिश्चितताओं के बीच अपनी सैन्य शक्ति और सौम्य शक्ति के बीच संतुलन बनाए हुए है। यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। दुनिया के सामने एक नया, सशक्त और संगठित भारत उभरा है।
एक दौर था, जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, लेकिन आज जब हम बोलते हैं, तो दुनिया सुनती है। यह मेजर खाथिंग के आदर्शों का नतीजा है।’
रक्षा मंत्री ने लोगों से राष्ट्र को हमेशा सर्वोपरि रखने, एकजुट रहने, ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निडरता से आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये सब मेजर खाथिंग के मूल सिद्धांत थे, जो एक असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा में अमूल्य योगदान दिया था।
राजनाथ ने मेजर खाथिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत का सौभाग्य है कि वह ऐसी दिग्गज हस्तियों का देश है, जिनके लिए राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता सर्वोपरि है।
समारोह में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सांसद अल्फ्रेड कन्नगम आर्थर, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा और यूएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बीके शर्मा भी मौजूद थे।
यूएसआई महानिदेशक मेजर जनरल बीके शर्मा (सेवानिवृत्त) और असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें मेजर बॉब खाथिंग के योगदान, उत्तर-पूर्व क्षेत्र के महत्व और इसके सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली मंडलियों द्वारा कई प्रदर्शन किए गए।
मेजर बॉब खाथिंग के तवांग अभियान के निहितार्थों को समझना नामक मुख्य भाषण असम राइफल्स के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने दिया।
इस व्याख्यान में मेजर बॉब खाथिंग के अभियान के रणनीतिक निहितार्थों के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी गई। मेजर बॉब खाथिंग के पुत्र जॉन खाथिंग ने अपने पिता के जीवन और विरासत के बारे में अपनी यादें साझा कीं।
मेजर बॉब खाथिंग मेमोरियल कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सेना, असम राइफल्स और यूएसआई द्वारा दिल्ली में मेजर बॉब खाथिंग के जीवन और विरासत को याद करने और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से किया गया था।