उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे के पास बादल फटा…नौ मजदूर लापता

उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे के पास बादल फटा…नौ मजदूर लापता

उत्तराखंड के कई इलाकों में देर रात से तेज बारिश हो रही है। उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने से तबाही मच गई। इस दौरान यहां पर होटल निर्माण स्थल तबाह हो गया है, जिससे 9 मजदूरों के लापता होने की खबर है।

लापता मजदूरों की तलाश में प्रशासन की टीम और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस दौरान दो मजदूरों के शव मिले हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना देर रात करीब 12 बजे की है। बड़कोट थानाध्यक्ष दीपक कठेत ने बताया कि यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की सूचना मिली थी। टीम ने मौके पर पहुंचकर पाया कि यहां सड़क निर्माण व अन्य कार्य में लगे कुछ लोग टेंट लगाकर रह रहे थे।

बादल फटने के बाद पहाड़ के ऊपर से तेज सैलाब आया और यहां सो रहे कई मजदूर इसमें बह गये। अभी तक नौ मजदूरों के लापता होने की खबर है। उत्तरकाशी डीएम प्रशांत आर्य का कहना है कि टीम ने लापता हुए लोगों की खोजबीन शुरू कर दी है। वहीं, दस अन्य श्रमिकों को रेस्क्यू कर पालीगाड़ लाया गया है।

पालीगाड़ चौकी प्रभारी कांतिराम जोशी ने बताया कि 19 मजदूरों में से 10 मजदूरों को पालीगाड़ पहुंचाया गया इसके अलावा नौ मजदूर लापता हैं। जिनमें पांच नेपाली मूल, तीन देहरादून और एक उत्तर प्रदेश का है। उनकी तलाश की जा रही है।

एसआई विक्रम सिंह ने कहा कि खोजबीन के दौरान लापता दो मजदूरों के शव 18 किमी दूर यमुना नदी तट तिलाड़ी शहीद स्मारक के पास से मिले हैं। पुलिस ने दोनों शवों को नौगांव सीएचसी भेजा है। सात मजदूरों की खोजबीन जारी है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बादल फटने की घटना के बाद की जानकारी ली है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि दुखद घटना में कुछ श्रमिकों के लापता होने की सूचना मिली है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ समेत अन्य टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और गहन राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। मैं इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं।

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आस-पास के पुलिस और सेना के जवानों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। 15 लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं और लगभग 45 लोग रास्ते में हैं। यहां मशीनें नहीं पहुंच पा रही हैं और टीमें ही रेस्क्यू में लगी हैं। श्रमिक या तो मलबे में फंसे हुए हैं या चट्टान में या नदी में बह गए हैं। उन्हें ढूंढने का प्रयास जारी है।

यमुनोत्री हाईवे कई जगह बंद

बादल फटने के बाद से यमुनोत्री हाईवे सिलाई बैंड समेत कई जगहों पर बंद है। एनएच की टीम रास्ता खोलने के प्रयास में जुटी है। वहीं, ओजरी के पास भी सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई है। खेतों में मलबा भर गया है। स्यानाचट्टी में भी कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में आ गया है। यमुना नदी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है।

देहरादून समेत कई जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट

उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से मानसून पूरी तरह से सक्रिय है। आज से अगले तीन दिन तक प्रदेश के सात जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जबकि कई अन्य जिलाें में भी तेज दौर की बारिश के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 29 जून से लेकर एक जुलाई तक देहरादून समेत टिहरी, पौड़ी, चम्पावत, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले के भी कुछ हिस्सों में कई दौर की भारी बारिश का अलर्ट जारी है। उन्होंने लोगों को हिदायत देते हुए कहा कि इन तीन दिनों में जलभराव, भूस्खलन होने के साथ नदी-नालों का जलस्तर बढ़ सकता है।

ऐसे में दिन के साथ रात के समय भी अधिक सतर्क रहें और नदी-नालों के आसपास जाने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यक न हो तो आजकल पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने से परहेज करें।

Yogi Varta

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