कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार के कई इलाकों में तैनात रहेंगे ड्रोन

हरिद्वार। इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में सुरक्षा और निगरानी को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का ‘नभ नेत्र’ ड्रोन यात्रा के दौरान हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात रहेगा। यह ड्रोन भीड़भाड़ वाले स्थलों, सड़कों, घाटों एवं पुलों पर निगरानी करेगा। इससे किसी भी आकस्मिक स्थिति की वास्तविक समय में जानकारी मिल सकेगी।
राज्य एवं जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों से इन ड्रोन के विजुअल्स की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। यूएसडीएमए स्थिति कंट्रोल रूम में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने यह जानकारी दी।
11 जुलाई से प्रारंभ हो रही यात्रा, यूएसडीएमए की व्यापक तैयारी
11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर यूएसडीएमए ने तैयारियों का खाका तैयार कर लिया है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने बताया कि आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा या आकस्मिकता की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आईआरएस प्रणाली अत्यंत उपयोगी होगी।
उन्होंने यात्रा से संबंधित जनपदों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आईआरएस प्रणाली को अपनाते हुए आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यात्रा की योजना तैयार करें।
सभी विभागों में समन्वय हेतु संपर्क अधिकारी नामित
स्वरूप ने कहा कि कांवड़ यात्रा के सफल एवं सुरक्षित संचालन हेतु विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रत्येक विभाग में सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट के रूप में एक जिम्मेदार अधिकारी को नामित करने तथा उनकी सूची राज्य (SEOC) एवं जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (DEOC) के साथ साझा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा के लिए जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को मास्टर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां से संपूर्ण यात्रा की निगरानी की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, तथा संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
30 जून को होगी राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल: कांवड़ यात्रा होगी केंद्र में
यूएसडीएमए द्वारा 30 जून को आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल में हरिद्वार में सुरक्षित कांवड़ यात्रा और गंगा घाटों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष फोकस रहेगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने इसके लिए विशेष निर्देश दिए हैं, जिससे वास्तविक स्थिति में तैयारियों का आकलन किया जा सके।
कांवड़ियों के मोबाइल में ‘सचेत ऐप’ कराना होगा डाउनलोड
कांवड़ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी सूचनाएं और अलर्ट देने हेतु उनके मोबाइल में ‘सचेत ऐप’ डाउनलोड कराया जाएगा। डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि यह ऐप मानसून अवधि में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने सभी प्रवेश बिंदुओं पर होर्डिंग और बारकोड लगाने के निर्देश दिए, जिससे कांवड़ यात्री आसानी से ऐप डाउनलोड कर सकें।
इसके साथ ही टोल फ्री नंबर 112, 1070 और 1077 के प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए गए, ताकि आपात स्थिति में श्रद्धालु इन पर संपर्क कर सकें।
गंगा घाटों पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती
कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा घाटों पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, और जल पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी। इसके अतिरिक्त 60 आपदा मित्र भी घाटों पर नियुक्त किए जाएंगे। कांगड़ा घाट को विशेष सुरक्षा क्षेत्र घोषित करते हुए वहां अतिरिक्त प्रबंध किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की एक टीम हरिद्वार में तैनात रहेगी और जरूरत पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमें भेजी जाएंगी।
संभावित आकस्मिकताओं को लेकर सतर्कता के निर्देश
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं और आकस्मिक घटनाओं को लेकर पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसमें भगदड़, डूबने की घटनाएं, अग्निकांड, बारिश-बाढ़, जलभराव, संक्रामक रोग, जाम और दुर्घटनाएं शामिल हैं। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से संपर्क स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए।
वन्य जीवों और बिजली के तारों से सुरक्षा के भी प्रबंध
कांवड़ यात्रियों की वन्य जीवों से सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। वन विभाग को संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा गया है। साथ ही, विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया है कि अधिक ऊंचाई वाले कांवड़ बिजली की ओवरहेड तारों से सुरक्षित रहें, इसके लिए समुचित उपाय सुनिश्चित किए जाएं।