राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जाए : सीएम धामी

राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जाए : सीएम धामी

राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के लिए इन्फ्रास्टक्चर, योग्य फैकल्टी, आधुनिक लैब और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उद्योग जगत की मांग के अनुसार उन्हें विभिन्न ट्रेड में दक्ष बनाया जाए।

राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के सबंध में सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं, हॉस्टल और बाउंड्री वॉल की व्यवस्था के साथ ही बेहतर सड़क कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सख्त निर्देश दिये कि सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती की जाए। इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाई गई व्यवस्था के अनुसार भर्तियां न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की।

इंजीनियरिंग संस्थानों में छात्र पंजीकरण की कमी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र पंजीकरण बढ़ाने के साथ ही सभी ट्रेड में अच्छे पाठ्यक्रम के साथ ही नवीनतम तकनीक पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को कैम्पस से ही प्लेसमेंट के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

उत्तराखंड के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के लिए इन्फ्रास्टक्चर, योग्य फैकल्टी, आधुनिक लैब और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। साथ ही राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं, हॉस्टल की व्यवस्था के साथ बेहतर सड़क कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाए।

नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान का संचालन के लिए पिथौरागढ़ के मड़धूरा में बने भवन में कक्षाओं के संचालन न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जांच की जाए कि इंजीनियरिंग संस्थान के लिए जगह का चयन किसके द्वारा किया गया था, यह जगह उपयुक्त थी या नहीं। अगर उपयुक्त नहीं थी तो इस स्थान पर इंजीनियरिंग संस्थान क्यों बनाया गया।

भवन पर लगभग 15 करोड़ खर्च होने के बाद भी इसमें कक्षाओं का संचालन क्यों नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि अभी इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन जीआईसी की बिल्डिंग पर संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने जी.बी.पंत इंजीनियंरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी मे नियुक्तियों, प्रमोशन और अन्य मामलों में गड़बड़ी की शिकायतों पर नये सिरे से एसआईटी गठित कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में तकनीकि शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, कुलपति माधो सिंह भण्डारी तकनीकि विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव स्वाति भदोरिया एवं इंजीनियरिंग संस्थानों के निदेशक उपस्थित थे।

Yogi Varta

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