कुलपति डॉ. चौहान के नेतृत्व में जीबी पंत विश्वविद्यालय ने भरी नई उड़ान

डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने 29 अगस्त 2022 को हरित क्रांति की जननी और देश के प्रथम कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर योगदान दिया था। आज उन्होंने अपने सफल कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण कर लिए हैं।
कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के दूरदर्शी नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
- उनके कार्यकाल में वर्षों से लंबित एक्रेडिटेशन प्रक्रिया को पूरा किया गया। इसके अतिरिक्त, लंबे समय से रुकी हुई 109 वैज्ञानिकों की प्रोन्नति की गई। निरंतर तीन दीक्षांत समारोह आयोजित कर 4809 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं।
- 34वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मानद उपाधि,
- 35वें समारोह में माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आशीर्वाद प्राप्त कर,
- तथा 36वें समारोह में पद्मश्री प्रेमचन्द्र शर्मा एवं सीडीएस जनरल अनिल चौहान को मानद उपाधियां प्रदान कर विश्वविद्यालय को गौरव प्राप्त हुआ।
बुनियादी ढांचागत विकास के अंतर्गत विश्वविद्यालय की मुख्य सड़कों, गांधी हाल, फूलबाग, नगला के मुख्य द्वारों का जीर्णोद्धार, नए छात्रावास, शोध शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केंद्र, महिला व्यायामशाला, वेलनेस सेंटर, मधुवाटिका, वृक्षायुर्वेद शोध केंद्र तथा देवकी नंदन अग्रवाल स्टूडेंट रिक्रिएशन सेंटर का निर्माण कराया गया, जिनका लोकार्पण राज्यपाल अथवा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
अकादमिक और अनुसंधान क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई:
- क्यू.एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने स्थान प्राप्त किया और देश के 71 कृषि विश्वविद्यालयों में प्रथम रहा।
- 2024 में 311वें स्थान से ऊपर उठकर 2025 में 209वें स्थान पर पहुंचा।
- विश्वविद्यालय को आउटलुक एग्रीटेक समिट एंड स्वराज अवार्ड, एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड, और एनसीसी द्वारा मानद कर्नल कमांडेंट की उपाधि प्राप्त हुई।
- वैज्ञानिकों को भी कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए।
- आईसीएआर द्वारा वित्त पोषित पांच AICRP परियोजनाओं को सर्वश्रेष्ठ केंद्र का सम्मान मिला।
- विभिन्न फसलों की कुल 22 किस्में अनुमोदित, 13 पेटेंट स्वीकृत, और गेहूं की 4 किस्मों को भारत सरकार के पौध प्रजाति संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण में पंजीकृत किया गया।
- आम की एक नई किस्म को ‘सिन्दूर’ नाम दिया गया, जो ऑपरेशन सिन्दूर के सम्मान में है।
- 2000 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हुए।
- देश-विदेश की 52 संस्थाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षरित हुए।
- 100 से अधिक गोष्ठियों, संगोष्ठियों और सिम्पोजियम का आयोजन हुआ, जिनमें 17वां कृषि विज्ञान सम्मेलन ऐतिहासिक रहा।
- अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अवसर पर श्रीअन्न के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए और मिलेट महोत्सव का आयोजन भी किया गया। विश्वविद्यालय ने G-20 कार्यक्रमों में भी सक्रिय सहभागिता की।
पशु विज्ञान क्षेत्र में उल्लेखनीय पहलें
- पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान महाविद्यालय में बद्री गाय के नस्ल सुधार एवं क्लोनिंग पर कार्य प्रारंभ किया गया।
- पंतजा बकरी और उत्तराखंड फाउल के संरक्षण पर भी कार्य किया जा रहा है।
प्रसार शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्य
- प्रशिक्षण और प्रदर्शन के 10,000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुए।
- विकसित भारत संकल्प यात्रा में कृषि विज्ञान केंद्रों की सक्रिय भागीदारी रही।
- कृभको के सौजन्य से पंतनगर जनवाणी द्वारा किसानों के लिए विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए गए।
- विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो ‘पंतनगर जनवाणी’ से 2000 से अधिक शोध-आधारित वार्ताएं/कार्यक्रम प्रसारित हुए।
- जनसंपर्क के अंतर्गत विश्वविद्यालय की गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए तीन वर्षों में 1000 से अधिक समाचार प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भेजे गए और 150 से अधिक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए गए।
कुलपति डॉ. चौहान के कार्यकाल को 29 अगस्त 2025 से आगामी छह माह के लिए वृद्धि दी गई है। इस अवसर पर डॉ. चौहान ने राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, प्रदेश शासन, विश्वविद्यालय के समस्त संकाय सदस्यों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को उनके सहयोग हेतु हार्दिक धन्यवाद दिया।