एम्स ऋषिकेश और भारतीय सेना के बीच स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं को लेकर एमओयू

एम्स ऋषिकेश और भारतीय सेना के बीच सेना से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कैश लैस ईसीएचएस (भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना) के तहत उपलब्ध सभी तरह की इन्डोर / आउटडोर सुपर स्पेशलिटी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एमओयू हुआ।
इस एमओयू से उत्तराखंड में मौजूदा 4.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों, वीर नारियों को एम्स में सभी तरह की दो चिकित्सा सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी।
मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की ओर से सेना की स्थानीय विंग एवं एम्स प्रशासन के मध्य एमओयू साइन किया गया। इस करार पर एम्स ऋषिकेश की ओर से संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह एवं भारतीय सेना की ओर से जनरल ऑफिसर आर्मी कमांडिंग सब एरिया मेजर जनरल आर. प्रेमराज ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि समझौते के तहत पूर्व सैनिकों को उनकी रैंक के हिसाब से अस्पताल में दी जाने वाली सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं कैशलेस होंगी।
अस्पताल में संचालित आयुष्मान भारत योजना विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मोहित धींगरा ने बताया कि उत्तराखंड में मौजूद भारतीय सेना से जुड़े सेवानिवृत्त कार्मिकों को एम्स अस्पताल की चिकित्सा सुविधाओं से जोड़ने के लिए निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह की ओर से प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों संस्थानों के मध्य यह महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हो पाया। उन्होंने बताया कि इस कार्य में एम्स अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्यश्री ने काफी सहयोग किया।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष (अकादमिक) प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्यश्री, आयुष्मान भारत योजना विभाग के नोडल ऑफिसर डॉ. मोहित धींगरा, पीपीएस विनीत कुमार, जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय के अलावा भारतीय सैन्य अधिकारी कमांडेंट मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून ब्रिगेडियर परीक्षित, कमांडेंट मिलिट्री हॉस्पिटल रुड़की ब्रिगेडियर पी. तिवारी, डायरेक्टर रीजनल सेंटर ईसीएचएस देहरादून कर्नल जितेंद्र कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।