साहसिक पर्यटन को बढ़ाकर हर जिले में विकसित होगी पैराग्लाइडिंग गतिविधि – सचिव पर्यटन

उत्तराखण्ड में साहसिक खेलों, विशेषकर पैराग्लाइडिंग के विकास को लेकर सचिव पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में 17 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सचिव पर्यटन ने निर्देशित किया कि पूर्व में प्रशिक्षित 141 पैराग्लाइडिंग पायलटों (प्रशिक्षु) जिनके द्वारा P1, P2, P3, P4, SIV, Thermaling, Cross Country और Tendum Flights की Training पूरी जा चुकी है, उन्हें अगले स्तर पर ले जाने हेतु आगामी 06 माहों में भीमताल और चम्पावत (Banasur Fort) में उनकी Flying hours पूरी जाये। साथ ही उनकी training यथाशीघ्र पूर्ण किये जाने हेतु नये टेंडम पैराग्लाइडस् खरीदें जायें।
बैठक के दौरान राज्य में व्यवसायिक रूप में संचालित पैराग्लाइडिंग गतिविधियों की समीक्षा की गयी। वर्तमान में यह गतिविधियाँ मुख्यतः भीमताल और टिहरी तक सीमित हैं।
सचिव पर्यटन ने इन गतिविधियों की समीक्षा करते हुए नयार घाटी (पौड़ी), लोहाघाट (चम्पावत), मोरी (उत्तरकाशी), कोटाबाग (नैनीताल), बागेश्वर सहित प्रत्येक जिले में Flying Facilities/Infrastructure विकसित किये जाने के निर्देश दिये साथ ही प्रत्येक जिले में एक टेक-ऑफ और लैडिंग प्वाईंट विकसित किया जाये।
इससे वहां के स्थानीय युवाओं को अपने जनपद में ही पैराग्लाईडिंग प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी, जिससे वे लोग उनके क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को पैराग्लाईडिंग का अनुभव प्राप्त करवा सकेंगे और अपने लिए स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भीमताल में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण हेतु 20 से 25 बिस्तरों वाला एक छात्रावास (हॉस्टल) विकसित किया जाएगा, जहां वर्ष भर पैराग्लाइडिंग से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
साथ ही उन्होंने पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी, सुलभ और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए एक एप्लिकेशन (ऐप) का निर्माण किये जाने के निर्देश दिये, जिससे पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम एक ही माध्यम से देखा और समझा जा सकेगा।