सचिवालय में वाइब्रेंट विलेज योजना पर राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक सम्पन्न

उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में वाइब्रेंट विलेज योजना से संबंधित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्धता से पूर्ण किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों के साथ लगातार संवाद बनाए रखते हुए योजनाओं की प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मल्टी-डिपार्टमेंटल योजनाओं के क्रियान्वयन में समन्वय बेहद आवश्यक है और सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने जिलों को भी निर्देशित किया कि योजनाओं के चयन में गंभीरता से विचार करें और विशेष रूप से वाइब्रेंट विलेज की अवधारणा के अनुरूप ऐसी योजनाएं तैयार की जाएं, जो सीमा क्षेत्र में विकास और आत्मनिर्भरता के उद्देश्यों की पूर्ति करें।
मुख्य सचिव ने वाइब्रेंट विलेज क्षेत्र में सिविल और आर्मी के बीच सामंजस्य स्थापित करने हेतु शीघ्र ही कार्यशाला (वर्कशॉप) आयोजित करने की बात कही।
इस कार्यशाला में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, आईटीबीपी, भारतीय सेना और भारत सरकार के प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
सचिव राधिका झा ने बैठक में जानकारी दी कि वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत गृह मंत्रालय को कुल 524 प्रोजेक्ट भेजे गए, जिनमें से 181 प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
इनमें से 115 प्रोजेक्ट वाइब्रेंट विलेज से संबंधित हैं जबकि 66 प्रोजेक्ट को कन्वर्जेंस मोड के माध्यम से फंडिंग दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिन 93 कार्यों के लिए धनराशि जारी हो चुकी है, उनमें:
- चमोली जनपद के 18 में से 14 प्रोजेक्ट में कार्य प्रारंभ हो चुका है,
- पिथौरागढ़ के 62 कार्यों में से 38 कार्य आरंभ हो चुके हैं और शेष 24 के लिए निविदा प्रक्रिया प्रगति पर है,
- उत्तरकाशी के 13 कार्यों में से उरेडा के 8 कार्यों का 80% कार्य पूर्ण हो चुका है जबकि 5 कार्य वन विभाग के हैं जिनमें 60% कार्य पूर्ण हुआ है।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, धीराज सिंह गर्ब्याल, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, आईजी निलेश आनन्द भरणे, आईजी करन सिंह नगन्याल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, अनुराधा पाल और उत्तरकाशी, चमोली एवं पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी भी उपस्थित रहे।