राज्यपाल ने पंतनगर विश्वविद्यालय में डॉ. ध्यान पाल सिंह पार्क एवं प्रतिमा का किया लोकार्पण

गौरवपूर्ण अवसर पर आज पंतनगर विश्वविद्यालय में महामहिम राज्यपाल, उत्तराखंड एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह द्वारा विश्वविद्यालय के तीसरे एवं अत्यंत सम्माननीय कुलपति डॉ. ध्यान पाल सिंह की प्रतिमा का अनावरण एवं ‘डॉ. ध्यान पाल सिंह पार्क’ का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
महान सेवा का सम्मान
अपने संबोधन में महामहिम राज्यपाल ने डॉ. सिंह के विश्वविद्यालय एवं कृषि क्षेत्र में दिये गये योगदानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बीज उत्पादन, कृषक कल्याण एवं कृषि नवाचार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह 1945 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियुक्त हुए थे, और 28 जनवरी 1966 को पंतनगर विश्वविद्यालय के तीसरे कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। वे 19 जनवरी 1975 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
हरित क्रांति के अग्रदूत
अपने कार्यकाल के दौरान डॉ. सिंह ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय को हरित क्रांति की जननी के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। जब उन्होंने कुलपति का कार्यभार ग्रहण किया था, उस समय विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी। परंतु उनके दूरदर्शी नेतृत्व में 44 लाख रुपये की अपेक्षा 142 लाख रुपये की आय अर्जित कर विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया गया।
तराई विकास निगम की स्थापना
कृषकों तक उच्च गुणवत्ता वाले बीज पहुँचाने के लिए 20 फरवरी 1969 को डॉ. सिंह द्वारा तराई विकास निगम की स्थापना की गई। अपने स्थापना वर्ष में निगम का बीज उत्पादन 32,000 क्विंटल था, जो एक वर्ष के भीतर 650 गुना बढ़कर 2.25 लाख क्विंटल तक पहुँच गया। यह उपलब्धि डॉ. सिंह की कुशल योजना एवं नेतृत्व क्षमता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
राष्ट्र निर्माण में भूमिका
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान में विशेष योगदान हेतु भारत सरकार द्वारा डॉ. सिंह को वर्ष 1969 में ‘पद्मश्री’ सम्मान से अलंकृत किया गया। वे राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) एवं स्टेट फार्म्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SFCI) के अध्यक्ष, FAO और विश्व बैंक के सलाहकार मंडल के सदस्य, तथा राष्ट्रीय कृषि समिति के सदस्य के रूप में भी राष्ट्र सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
सम्मान समारोह में विशिष्ट उपस्थिति
इस लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन निदेशक (शोध) डॉ. अजीत सिंह नैन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी, ऊधमसिंह नगर नितिन सिंह भदौरिया, विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशकगण, संकाय सदस्य, छात्र-छात्राएँ एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. सिंह के योगदानों को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।