योग और आयुष के माध्यम से यूपी बनेगा हेल्थ टूरिज्म का हब : सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में योग और आयुष चिकित्सा पद्धति को व्यापक रूप से बढ़ावा देने की दिशा में सरकार के प्रयास अब परिणाम देने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निजी रुचि और दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश भविष्य में हेल्थ और वेलनेस टूरिज्म का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘योग और आयुष केवल आरोग्यता का माध्यम नहीं, बल्कि रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का भी सशक्त उपकरण हैं।’ इसी क्रम में 1 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गोरखपुर में ‘महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय’ का उद्घाटन करेंगी।
यह प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है, जिसकी आधारशिला तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 28 अगस्त 2021 को रखी गई थी।
गोरखपुर के पिपरी (भटहट) क्षेत्र में स्थित यह विश्वविद्यालय न केवल आयुष शिक्षा को प्रोत्साहित करेगा बल्कि इससे जुड़े कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों को एक दिशा और नियंत्रण भी देगा। OPD की सेवाएं प्रारंभ हो चुकी हैं और कुलपति की नियुक्ति भी हो चुकी है।
इसके अतिरिक्त, अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज तथा वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज भी शीघ्र शुरू होने जा रहे हैं।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी और 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालय सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
साथ ही प्रदेश में 8 आयुर्वेदिक, 2 यूनानी और 9 होम्योपैथिक कॉलेज व उनके संबद्ध अस्पताल एवं वेलनेस सेंटर भी संचालित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं, विशेष रूप से औषधीय खेती, हर्बल उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में। इससे स्थानीय किसानों, युवाओं और उद्यमियों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
विश्व में योग और आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, भारत में इसका बाजार तेजी से बढ़ा है:
- आयुर्वेद उत्पादों का कारोबार ₹12,000 करोड़ तक पहुंच गया है।
- योग उत्पादों का बाजार ₹480 अरब रुपये है और जल्द ही ₹875 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है।
- वैश्विक स्तर पर, आयुष उत्पादों का बाजार 2014 के $2.85 अरब से बढ़कर 2024 में $43.4 अरब तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि, ‘योग और आयुर्वेद केवल परंपरा नहीं, विज्ञान है। यह भारत की स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली की समृद्धता और प्रामाणिकता का प्रतीक है।’
गोरक्षपीठ की परंपरा में भी योग और आयुर्वेद का विशेष स्थान रहा है। नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक गुरु गोरखनाथ ने योग को क्रियात्मक स्वरूप दिया और इसे जन-जन तक पहुंचाया। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गोरखनाथ मंदिर में आज भी आयुर्वेदिक केंद्र और नियमित योग प्रशिक्षण जारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — आयुष और योग के माध्यम से प्रदेश को आरोग्यता, रोजगार और वैश्विक पहचान दिलाना। यह पहल न केवल प्रदेश को स्वस्थ बनाएगी, बल्कि आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक दृष्टि से भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।